Saturday, 11 February 2012

मंत्र सिद्धि के उपाय


श्रद्धा विधि के साथ मंत्र साधना और अनुष्ठान करने पर भी सफलता न मिले तो उसे पुनः करना चाहिए . बार बार करने पर भी यदि इच्छित सफलता नहीं मिल पाए तो निम्नलिखित सात उपायों में से कोई एक उपाय करना चाहिए , ध्यान रहे सातों उपाय एक साथ निषिद्ध हे यदि एक उपाय करने पर मंत्र सिद्धि न हो तो फिर दूसरा उपाय करना चाहिए इससे निश्चित ही सफलता प्राप्त हो सकेगी

पहला उपाय ( भ्रामन) - इस क्रिया में भोजपत्र पर वायु बीज " यं " तथा मंत्र का एक अक्षर फिर " यं " तथा मंत्र का दूसरा अक्षर  - इस प्रकार पूरा मंत्र " यं " वायु बीज से ग्रथित करे. भोजपत्र पर कर्पूर , कुमकुम . खस, और चदन को मिलकर उस लेप या स्याही से लिखे और जब मंत्र पूरा लिख दिया जाये तो उसका षोडशोपचार से पूजन करे . ऐसा करके यदि मंत्र का अनुष्ठान किया जाये तो निश्चित रूप से मंत्र सिद्ध होता हे.

दूसरा उपाय ( रोधन ) - वाग़ बीज " ऐं " के द्वारा मंत्र को संपुटित करकर एक सहस्त्र मंत्र जाप किया जाये तो मंत्र साधना ,में पूर्ण सफलता मिलती हे.

तीसरा उपाय ( वश्य ) - अलक्तक , रक्त चन्दन , कूट , धतूरे के बीज और मेनसिल इस पांचो चीजो को बराबर भाग में मिलाकर भोजपत्र पर मूल मंत्र लिख कर उसे गले में धारण करे तो सम्बंधित साधना में सफलता मिलती हे.

चोथा उपाय ( पीडन ) -  अधरोतर योग से मंत्र जप करने पर अधरोत्तर  देवी की पूजा करे , इसके पश्चात् अक्वन के दूध से भोजपत्र पर मंत्र लिख कर उसे बांये पैर के निचे दबाकर मूल मंत्र से १०८ आहुति से तो निश्चित ही साधना में सफलता मिलती हे .

पांचवा उपाय ( पोषण ) -  भोजपत्र पर गाय के दुध से मंत्र लिखकर उसे द्सहिनी भुजा पर बांधे, तथा मूल मंत्र में "स्त्री "शब्द का सम्पुट देकर एक सहस्त्र मंत्र जप करे , निश्चय ही पूर्ण सफलता मिलेगी

छठा उपाय ( शोषण ) - यज्ञ की भस्म से भोजपत्र पर मंत्र लिखकर उसे दाहिनी भुजा परे बांधे और " यं " बीज द्वारा मूल मंत्र को संपुटित करके एक सहस्त्र जाप करे, कोई संदेह नहीं की सफलता ना मिले 

सातवा उपाय ( दाहन ) - मंत्र के प्रत्येक अक्षर में अग्नि बीज "रं" का सम्पुट देकर एक सहस्त्र जाप करे साथ ही पलास बीज के तेल से भोजपत्र पर मंत्र लिख कर कंधे पे धारण करे तो निश्चय ही पूर्ण सफलता प्राप्त होती हे

अगर फिर भी किसी साधना में किसी कारण से सफलता प्राप्त न हो रही तो गुरु का सहारा लेने चाहिए , गुरु की एक कृपा द्रष्टि से समस्त दोष अपने आप दूर हो जाते हे.

जय गुरुदेव

सोजन्य से
मंत्र रहस्य 
Written By  My Gurudev 

  

2 comments:

Unknown said...

कृपा रोधन मेथड से "ॐ नमः शिवाय " को "ऐ" मंत्र से संपुटिक करके बताइए।

Unknown said...

Great Post Friend