Monday 29 December 2014

मनोकामना पूर्ति का एक सरल प्रयोग:

आपके और हमारे मन में हर समय कोई कोई मनोकामना जरुर होती है और मनोकामना पूर्ण होने पर हमें अत्यंत प्रसन्नता होती है।

हर मानव मन चाहता है की उसकी मनोकामना पूर्ण हो, कोई चमत्कार हो जाए जिससे उसकी कामना पूर्ण हो जाये; कुछ लोगों की मनोकामनाएं पूर्ण भी हो जाती हैं लेकिन हर व्यक्ति के साथ चमत्कार नहीं हो सकता।


लेकिन तंत्र में कई गुप्त क्रियाएं, मंत्र, साधनायें और विधान हैं जिनकी सहायता से आप अपनी मनोकामना पूर्ण कर सकते हैं, और हर व्यक्ति अपने जीवन में चमत्कार जैसे शब्दों का प्रयोग कर सकता है।


तो आपके जीवन में चमत्कारिक परिवर्तन लाने के लिए एक ऐसी ही साधना जिसे आप पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ करें और लाभ उठाएं।

आप एक नारियल लेकर (जो की जटा से युक्त हो) उसे सिंदूर मे तिल का तेल मिलकर और गीला कर उस से पूरा रंग दें और अपने मन की कामना पूरी होने की प्रार्थना माँ भगवती जगदम्बा से करें और निम्न मंत्र का १५ मिनट तक उतनी ही जोर से उच्चारण करें,जितने मे आपको ही सुनाई दे.किसी और को नहीं.
ईं ह्रीं कं ह्रीं ईं (OM EEM HREEM KAM HREEM EEM OM)


  ये क्रम आपको दिन तक करना है.याद रहे नारियल सिर्फ पहले दिन ही स्थापित करना है.अंतिम दिन क्रिया पूरी होने के बाद नारियल को किसी नदी या तालाब मे विसर्जित कर दें और किसी बच्ची को जो घर से सम्बंधित ना हो,उसे कुछ मिठाई और धन दे दें.ये क्रिया असाध्य कामना भी सहज सिद्ध कर देती है आवशयकता है मात्र पूर्ण विश्वास की.

 प्रयोग करें और अपने अनुभव बताएं...



जय गुरुदेव।।

Thursday 11 December 2014

अशुभ स्वप्न फल नाशक प्रयोग ....

 
 
 
 
स्वप्न   तो हर व्यक्ति  को आते ही  हैं , और  हर व्यक्ति  स्वप्न देखना  चाहता  हैं .जो शुभ कारी हो...सुंदरता युक्त  हो …पर  यह  आज तो भली भांति जाना  पहचाना   तथ्य हैं की  मानव  मन   के  दो भाग   होते  हैं ..एक तो चेतन और  एक अवचेतन .....चेतन  जिसमे  जो लगातार दिन प्रतिदिन  हम  सीखते  जाते हैं वह  समाते  जाता  हैं ..पर यह सब  हमारी   विचार .... हमारे  संस्कार ..हमारी सोच  के अनुसार ..या पर निर्भर  करता  हैं पर  अब्चेतन मन मे  तो    कितने  जीवनों की  अनंत  सुचनाये   से  युक्त    हैं और यह स्वपन ........   यह सब तो अबचेतन  मन का ही   तो  कमाल हैं, जो  की वास्तव मे अनंत  सूचनाओ  का भण्डार  हैं , वह जैसे ही चेतन मन शांत हुआ यह  अपना खेल प्रारंभ कर देता  है  तो कभी   भूत काल सबंधित   तो ......कभी  भविष्य काल के ..पर  स्वप्न किस काल सबन्धित हैं   यह जानना   इतना  भी आसान  नही ... 
पर   कुछ स्वपन   की बाते   सामान्य दैनिक जीवन ........ तो कुछ की अलौकिक   जगत से सबंधित   होती  हैं . पर  यदि  सुबह  सुबह     कुछ ऐसा  दिख जाए     जो  हमारे  लिए  भय कारक  हो ..भले  ही   वह वास्तविकता   न हो .पर हमारा  मन   पूरे  दिन   भर परेशां रहता  हैं . की कही  कुछ  ऐसा न   हो जाए .
अगर   जितना मानव उपलब्धिया  प्राप्त  करते  जाता हैं  उतना ही  वह  भय  का भी अपने लिए  सृजन करते  जाता  हैं .और यह  बहुत सामान्य  सा  तथ्य   हैं  पर ..अपने  ही किसी प्रिय जन के बारे   मे कोई  अशुभता  स्वपन मे  दिख रही  हो तो वह मन   और भी परेशां  होने लगता  हैं .


इस यन्त्र  का निर्माण  किसी भी शुभ  दिन  कर सकते  हैं . सिर्फ अष्ट गंघ   का प्रयोग   इसके निर्माण के लिए  स्याही के  रूप मे  करना  हैं साथ ही साथ .. यंत्र लेखन के लिए  अनार की लकड़ी का  प्रयोग किया  जाना  चहिये ..

जब यह  यन्त्र का निर्माण हो  जाए   तब किसी भी  धातु के  ताबीज के अंदर   इसको  रख कर उस  ताबीज  को  अपने  गले   मे धारण  कर ले . निश्चय  ही   इन  बुरे   और भयानक  स्वप्न   से आपको    रा हत मिलेगी ही .........हाँ यह  तो आपको पता  हैं की    जब भी यंत्र का  निर्माण किया  जाये  उसकी धूप  दीप से पूजा ...........  मतलब   सबसे पहले  आप बिना कटा  फटा  भोज पत्र  ले ले ..और  सारी  आवश्यक क्रियाये  जैसे सदगुरुदेव  पूजन    और अन्य    चीजे  कर ले .  फिर  पूर्ण प्रसन्नता  से भोज पत्र   पर इस  यंत्र  का  अंकन   या लेखन कर ले .और   धूप से   पूजा  भी .और् सदगुरुदेव जी  से  अपने कार्य की सफलता  के लिए   प्रार्थना   तो सर्वोपरि   हैं .



Jai Gurudev